राजधानी दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश ने एआई शिक्षा को लेकर कई कदम उठाए हैं। इन राज्य सरकारों ने सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में एआई को प्राथमिकता दी है।
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज वक्त की मांग बनती जा रही है। सभी जगह इसकी चर्चा है। आने वाले दिनों में एआई शिक्षा को बढ़ावा देने वाले और इसके तमाम आयामों को समझाने वाले स्कूल भारत के कई शहरों में खुलने जा रहे हैं। इसी साल अगस्त में भारत का ऐसा पहला स्कूल केरल के तिरुवनंतपुरम में शुरू हुआ है जहां एआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। बदलते वक्त के साथ युवाओं और बच्चों को भी इसकी समझ और इसका ज्ञान होना जरूरी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कई राज्यों ने स्कूली शिक्षा में एआई को महत्व देना शुरू कर दिया हैं। राजधानी दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश ने एआई शिक्षा को लेकर कई कदम उठाए हैं। इन राज्य सरकारों ने सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में एआई को प्राथमिकता दी है।
ये राज्य एआई स्कूल को लेकर उठा रहे कदम
क्या है एआई कैसे, मिलती है बच्चों को इससे मदद?
देश में केरल में पहला एआई स्कूल हाल ही में शुरु किया गया है। इसके बाद यूपी के गाजियाबाद में उत्तर भारत का पहला ऐसा पूर्ण AI संस्थान खोला गया है। गाजियाबाद के अमेरिकन एडु ग्लोबल स्कूल अन्य स्कूलों की तरह ही है, लेकिन यहां मानव शिक्षकों के अलावा AI टूल से भी बच्चों को पढ़ाया जाएगा। एआई टूल की मदद से ही स्कूल में पाठ्यक्रम को डिजाइन किया गया है। स्कूल के प्रबंध निदेशक पीके सामल का कहना है कि यह स्कूल सैडल रिवर डे स्कूल, न्यू जर्सी, यूएसए से मान्यता प्राप्त है। इसके अलावा आईसीएसई के साथ साथ कैम्ब्रिज से स्कूलों को मान्यता मिली हुई है। आने वाले दिनों में लखनऊ, सिरसा, पुणे और मुंबई में भी इस तरह का स्कूल स्थापित किया जाएगा। इन स्कूलों में छात्रों के लिए एआई का विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। छात्रों को अत्याधुनिक विषयों के साथ ही स्टीम, ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसे विषयों पर बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। गाजियाबाद का पहला स्कूल 130 छात्रों के साथ शुरू हो चुका है।
सामल कहते है कि, एजुकेशन अब प्रैक्टिकल और टेक बेस्ड हो गया है। जहा एआई से लेकर एंटरप्रेन्योरशिप का बहुत ही महत्वपूर्ण रोल है। हमारे शैक्षणिक संस्थानों में हमने स्पोर्ट्स पाठ्यक्रम को भी उतना ही महत्व दिया है जितना अन्य पाठ्यक्रम को देते है। इन स्कूलों में बच्चों को ट्रेडिशनल टीचिंग मेथड के अलावा एआई की मदद से एडवांस टूल और रिसोर्सेज प्रदान किए जायेंगे जिसकी मदद से वे भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार हो पाएंगे।
एआई स्कूलों में होती है ये खास विशेषताएं
क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
यहां बता दें कि दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी है। यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित की गई इंटेलिजेंस है। सामान्य बोलचाल में बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जाता है। इसके जरिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है और उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है। जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है। यह इसके बारे में अध्ययन करता है कि मानव मस्तिष्क कैसे सोचता है और समस्या को हल करते समय कैसे सीखता है, कैसे निर्णय लेता है और कैसे काम करता है।
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